दर्द हो या या हो खुशी ख़्वाहिश की आजमाइश है। वह धड़कन की चाहत है, तो दिल की फ़रमाइश है। बेवज़ह तो कुछ नहीं होता इस दुनिया के आँगन में! बादल न बारिश ना पतझड़ न सावन! न खिलते फूल न उगते काँटे न मिलते दिल न बिखरतीं साँसें इन सब के पीछे तो बस एक यारा ज़रूरत है। हाँ बस एक ज़रूरत। ♥️ Challenge-651 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।