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हम हमारे ही शरीर का बोझ नही झेल पाते है.... जब बेस

हम हमारे ही शरीर का बोझ नही झेल पाते है....
जब बेसहारा होकर ज़मीन पर गिर जाते है....
तो फिर कैसे बर्दाश्त करते होंगे वो लोग जब उनसे....




उन्ही के अंश बदल जाते है

© Chitra Singh for parents

#oldage
हम हमारे ही शरीर का बोझ नही झेल पाते है....
जब बेसहारा होकर ज़मीन पर गिर जाते है....
तो फिर कैसे बर्दाश्त करते होंगे वो लोग जब उनसे....




उन्ही के अंश बदल जाते है

© Chitra Singh for parents

#oldage