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बाप आयेंगे भारत में और गाया हुआ है कि मगध देश में

बाप आयेंगे भारत में और गाया हुआ है कि मगध देश में आते हैं, मगरमच्छ जैसे। तो बरोबर ये सिंध है ना। मगरमच्छ वहां है भी बरोबर। एक मंघा पीर है उनमें मगरमच्छ रहते हैं। तो पता नहीं, नाम ही ऐसा पड़ गया है बरोबर मगध देश में। शिव बाबा भी वहां आते हैं, ब्रह्मा भी वहां से निकला हुआ है, सरस्वती भी वहीं से निकली हुई है। नाम पड़ा हुआ है उनको (उनका), तो आते भी (हैं)। तो उनमें 
थोड़ा थोड़ा कुछ न कुछ लिखा है। तुम 
बरोबर जानते हो कि बाबा कहां आये? 
बाम्बे में आए या कराची में, परन्तु शुरू 
किया जा करके मगध देश में।
मु०. 30.06.1964
बाप आयेंगे भारत में और गाया हुआ है कि मगध देश में आते हैं, मगरमच्छ जैसे। तो बरोबर ये सिंध है ना। मगरमच्छ वहां है भी बरोबर। एक मंघा पीर है उनमें मगरमच्छ रहते हैं। तो पता नहीं, नाम ही ऐसा पड़ गया है बरोबर मगध देश में। शिव बाबा भी वहां आते हैं, ब्रह्मा भी वहां से निकला हुआ है, सरस्वती भी वहीं से निकली हुई है। नाम पड़ा हुआ है उनको (उनका), तो आते भी (हैं)। तो उनमें 
थोड़ा थोड़ा कुछ न कुछ लिखा है। तुम 
बरोबर जानते हो कि बाबा कहां आये? 
बाम्बे में आए या कराची में, परन्तु शुरू 
किया जा करके मगध देश में।
मु०. 30.06.1964