मेरे प्यारे भगवान जी खोजते-खोजते थक गया यहा ज्ञान बहोत सारे लोग देते हैं पर उसमे क्या देते हैं, उन्हे भी नही मालुम हूँ की नही कुछ पता नही शांशे चल रही है की नही कुछ पता नही तू है की नही कुछ पता नही तुझपे आस्था है की नही कुछ पता नही क्या बुरा कर रहा हूँ, क्या अच्छा पता नही बस इतना ही याद रखता हूँ, जो हो रहा है उसका जिम्मेदार सिर्फ तू है, मै तो नौकर हूँ मलिक तो तू है। -Writer Sandeep patel(surya) भगवान