दिल दहला है ,कैसे सम्भाला जाए हैवानियत भरी आंखों को कैसे पहचाना जाए जिस्म नोचकर जलाने वाले को कैसे रोका जाए दिल दहला है ,कैसे सम्भाला जाए कई कानून बनाये,कई सरकारों ने हर बार स्त्री की लाज बचाने का कानून क्यों छुटा उनके हाथों से क्यों आती है कानून के दायरे में ऐसे गुनाहों की सजा जब नही सुना सकता वो कानून मौत के बदले ,मौत की सजा क्यों दूसरा इंसान मोमबत्ती जलाकर करता है इन दुष्कर्मो के लिए न्याय की पुकार दोसी अपराध कर सजा में कुछ साल लेते है कठघरे में गुजार यही है समय अभी कुछ कर लो ऐसे दोषियों को उनकी हवस में राख कर आने वाला कल बचा लो अग़र न संभले आज तो ,न मांगना न्याय जला के शमा मिला देना अपना ईमान खाक में क्यों कि फिर बेटियां मारेंगी ,किसी की कोख में या गहरे सन्नाटो में मिलेंगी राख में श्रद्धा सिंह #save girls and against rape