Unsplash आज फिर से चांद मेरे सिराने आ गया थकी पलकों को फिर जगाने आ गया मैं गुम होने को था कल की कश्मकश में ये चांद आज मुझे खुद सताने आ गया मैं आस में था इस खिड़की पे टूटे तारे की ये चांद आज गलत पते ठिकाने आ गया खुद कि तलाश रहती मुझे स्याह रात में क्या पता आज ये साथ निभाने आ गया मैं भी तन्हा तुम भी तन्हा इस भीड़ में शायद यही बात मुझे जताने आ गया आज फिर से चांद मेरे सिराने आ गया..!! #विश्वा 🖤 ©broken heart(analystprakram) #leafbook shayari sad status for sad