गर चाहने से मिल जाता खुदा,,,, तो इतने मंदिर मस्जिद गिरजाघर ना होते,,,, खुशियां चंद पलों की और गम बरसों के ना लगते,,,, वैसे तो ख्वाबों की तस्वीर कई रंगों से भरते, पर कहीं ना कहीं एक रंग अधूरा सा क्यों,,, रहे जाता,,,, दिल लुभाने के बहाने तो बहुत हैं महफिलों में,,,, फिर मैखानो में भीड़ जमा ना होती,,,, खुशियां तो बस छलावा है गम से तो,, रिश्ता पुराना है,,,,, चंद पलों की खुशियों से ना हम भरमा पाएंगे,,,,, रहने दो मुझे मेरे हाल में हम तो गम से ही रिश्ता निभाएंगे,,,,, सब अपने में ही मसरूफ हैं जमाना तो खुद में ही मगरूर है,,,, यहां परवाह किसको किसकी है,,,, कुछ आवाजें वक्त के साथ गुम हो जाती हैं,,,,,, #hopesounds #lifequotes