पल पल बीत रहे वक्त के साथ दिल की बेकरारी बढ़ रही है, आ जाओ सनम एक बार तेरे दीदार को आँखें तरस रही हैं। तुम ना आओगे तो तुम्हारे इंतजार में सदियाँ गुजार देंगे हम, तुम्हारी चाहत से ही चलती है साँसे तुम पर ही वार देंगे हम। चाहत हो तुम जिंदगी के आख़िरी पहर तक तुमको ही चाहेंगे, हाथों की लकीरों में बसाकर तुमको ही हम किस्मत बनाएंगें। तुम्हें अपना बनाने के लिए ही इस दुनिया में आएँ हैं हम सनम, खुदा से मांग कर तुम्हें ही अपना हमसफर बनाएंगे हम सनम। तुमको ही आ करके मेरे दिल की सूनी महफिल को सजाना है, एक नहीं बल्कि जन्मों-जन्मों के लिए खुदा से तुमको मांगना है। ♥️ Challenge-696 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।