तुम्हें अपना समझते थे,तो क्या अजीब करते थे देखकर तुम्हें लेते थे साँसे,तो क्या गुनाह करते थे चाहा तुम्हें,ख़ुदा से माँगा तुम्हें,अपनी जान कहते थे अपनी ज़िंदगी तुम्हें ही मानते थे,तो क्या गुनाह करते थे बातें तुम्हारी, यादें तुम्हारी सब अपनी कहते थे दूर होने पर भी नज़दीकी समझते थे,तो क्या गुनाह करते थे धड़कनें सुन तुम्हारी,हम भी धड़कते थे'निर्झरा' तुम्हें जीने की वज़ह समझते थे, तो क्या गुनाह करते थे प्यार में डूबे तुम्हारे,अच्छे से जानते थे उबरना हमने कभी चाहा नहीं,तो क्या गुनाह करते थे..! Mनिर्झरा🌹 तुम्हें अपना समझते थे, नहीं दुनिया समझते थे। #अपनासमझे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi