आओ मेघ से छा जाओ, बन बारिश बरस जाओ। मोर सा नृत्य करे मन मेरा, मेरे अन्तर मन तक भीगा जाओ।। तन प्यासा तेरी छुअन का, मन प्यासा हृदय संगम का। प्रतीक्षारत है मेरा जीवन जैसे, नैना रस्ता देखे तेरे आगमन का।। अब अक्षम हो चुका है मन प्रतीक्षा में, बारिश सा बरस जाओ तुम जीवन में। हरा-भरा कर दो हृदय धरा तल को, समा जाओ मुझमें जैसे बारिश धरातल में।। #""Ajay""# आओ मेघ से छा जाओ, बन बारिश बरस जाओ। मोर सा नृत्य करे मन मेरा, मेरे अन्तर मन तक भीगा जाओ।। तन प्यासा तेरी छुअन का, मन प्यासा हृदय संगम का। प्रतीक्षारत है मेरा जीवन जैसे,