बहुत चाहा मगर जज़्बात की आँधी नहीं रुकती! हमारे दिल पे जो चलती है वो आरी नहीं रुकती तुम्हारे बिन हमारी रात के बस दो ही क़िस्से हैं कभी हिचकी नहीं रुकती कभी सिसकी नहीं रुकती! sandeep ajanavii yaad jab bhi aati hai