बदल ली है मौसम ने फिर से करवटें, बदले है दिन, बदली सी है रातें। बदलाव की इस बयार में कही गई ये बातें, ये बिन सोचे हुई तुम से मुलाकातें । कि तुम्हारा देखना और फिर दिखाना अपनी अदाएं, ऐसी तो नहीं थी तुम से अपेक्षाएं। कि तुम थी मजबूर, नजर आ रहा था मुझे, और हम भी थे तुम से दूर, ये दिखा होगा तुम्हें। फिर भी अचानक आए इस परिवर्तन ने दिल को है धड़काया, और इसीलिए लगता है ये घनघोर कोहरा है छाया। शायद जब मिलो तुम अगली बार तो छंटेगा ये कुहांसा और तुम मिलो और हंस कर अभिवादन करो ऐसी रखते है आशा।। ©Goverdhan Bahuguna #फिर से मिलने का इंतजार #still