डरना नही तुम्हे लड़ना है पर किस से,ये जो चार लोग है आसपास पर ये तो कोई भी नही,है सिर्फ चाभी वाले गुड्डे असली लड़ाई तो खुद से,अंदर की डरी सहमी रूह से है जो अपने अनुमानों से सारे तराज़ू तोल लेती है जो आइने में चेहरा नही देखती देखती है लोगो की नज़रो से अपने रंग रूप ,अपने पहनावे को अपने लक्ष्य में उसे तंज कसने वाले लोगो के शब्द कंकर से लगते है व्यर्थ सोच विचार कर कर क्यो खुद ही पीड़ा सहती है तुम्हे कोई कन्धा क्यो देगा कोई तुम्हारा बोझ क्यो सहेगा तुम दया के लिए कब तब हाथ फैलाओगी तुम औरो को छोड़ो खुद में बदलाव कब लाओगी तुम विद्या हो जानती हो तुम शक्ति को पहचानती हो तुम जननी हो जग तारती हो स्त्री तुम स्त्री को मानती हो फिर क्यो डर के पक्षी पिंजरे में तुम पालती हो खोलो द्वार तुम इस पिंजरे के भर लो उड़ान तुम जी भर के सम्मान करो खुद का तुम सम्मान तभी मिल पायेगा वरना डर के गर बैठ गई तो देश भी पिछड़ा रह जायेगा। #NojotoQuote #pride #beconfident #womens #everydayisacelebration #thoughts #nature #poetry #nojoto #inked_letters_nehagulati