कवि गिरधर ने कहा है कि हमें बिना विचारे कुछ भी नहीं करना चाहिए बिना विचारे जो करें सो पाछे पछताए काम बिगाड़े आपनो जग में होत हंसाय जग में होत हंसाय तो चित मैं चैन न पावे खानपान सम्मान राग रंग मन नहीं ना भावे कह गिरधर कविराय दुख कुछ टरत न टारे खटकत है जी यह माई किया जो बिना विचारे ©manisha verma बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए