आहट मै तेरे ही ख्यालों में था , ऑखे बंदकर तेरी ही दुनिया में था , पर सुनाई दी तेरे पैरों की आहट ; हॉ तेरे आने की आहट ... आहट सुन तेरी दुनिया से जो मैं बाहर आया , तो पता चला .. आहट तुम्हारी नही , मेरी कल्पनाओ की थी , तेरी यादों की थी , बीते लम्हों की थी और मेरी ख्वाहिशों की मेरी ख्वाहिशों की...... # आहट **