किसी की तलब को तलवार कहना अच्छा नहीं है
मोहब्बत करने वालों को इनकार कहना अच्छा नहीं है।
आशिक़ भी है उसी क़तार में जहां शहंशाह है पड़ा,
इश्क़ और शराब को बेकार कहना अच्छा नहीं है।
किसी की तलब को तलवार कहना अच्छा नहीं है।।
जिसे लफ़्ज़ों में उतारा है..गवारों ने,गज़लकारों ने
उसे खिड़की से प्यार कहना अच्छा नहीं है। #Kr_मन्नू