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रात के आख़िरी किनारे पर,हम पहुँचे थे रामनगर। ब्राह्

रात के आख़िरी किनारे पर,हम पहुँचे थे रामनगर।
ब्राह्म मुहूर्त्त का समय, हम निकले पैदल पथ पर।

अलाव जल रहा था पास,और चाय थी हमारे हाथ।
गर्म गर्म पी रहे थे चाय,जब बैठे थे हम साथ साथ।।

गन्तव्य के लिए हो चुका समय,प्रस्थान किया यहाँ से तब।
आनन्द ही आनन्द छा गया,गर्जिया पहुँचे हम जब। जय माँ गर्जिया
रामनगर
उत्तराखंड
रात के आख़िरी किनारे पर,हम पहुँचे थे रामनगर।
ब्राह्म मुहूर्त्त का समय, हम निकले पैदल पथ पर।

अलाव जल रहा था पास,और चाय थी हमारे हाथ।
गर्म गर्म पी रहे थे चाय,जब बैठे थे हम साथ साथ।।

गन्तव्य के लिए हो चुका समय,प्रस्थान किया यहाँ से तब।
आनन्द ही आनन्द छा गया,गर्जिया पहुँचे हम जब। जय माँ गर्जिया
रामनगर
उत्तराखंड

जय माँ गर्जिया रामनगर उत्तराखंड