मर्यादा के रखवाले बनके पितृ वचन को पूर्ण किया। स्त्री को हरने वाले का अभिमान राम ने चूर्ण किया। उंगली जो उठती पत्नी पर बर्दाश्त नहीं कर पाते वे, इसीलिए निज निजता सुख हँस कर ही वार दिया। 🌝प्रतियोगिता- 207🌝 आप सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"मर्यादा पुरुषोत्तम"🌹