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नाक्षरंमंत्रहीतं नमूलंनौधिम्। अयोग्य पुरुषं नास्ति

नाक्षरंमंत्रहीतं नमूलंनौधिम्।
अयोग्य पुरुषं नास्ति योजकस्तत्रदुर्लभः॥

ऐसा कोई भी अक्षर नहीं है जिसका मंत्र के
लिए प्रयोग न किया जा सके, ऐसी कोईभी
वनस्पति नहीं है जिसका औषधि के लिए
प्रयोग न किया जा सके और ऐसा कोई भी
व्यक्ति नहीं है जिसका सदुपयोग के लिए
प्रयोग किया जा सके, किन्तु ऐसे व्यक्ति
अत्यन्त दुर्लभ हैं जो उनका सदुपयोग
करना जानते हों।

©KhaultiSyahi #Remember #Sanskrit #mantra #Subah #welness #Health #Health&Fitness #Sickness #mentalHealth #khaultisyahi
नाक्षरंमंत्रहीतं नमूलंनौधिम्।
अयोग्य पुरुषं नास्ति योजकस्तत्रदुर्लभः॥

ऐसा कोई भी अक्षर नहीं है जिसका मंत्र के
लिए प्रयोग न किया जा सके, ऐसी कोईभी
वनस्पति नहीं है जिसका औषधि के लिए
प्रयोग न किया जा सके और ऐसा कोई भी
व्यक्ति नहीं है जिसका सदुपयोग के लिए
प्रयोग किया जा सके, किन्तु ऐसे व्यक्ति
अत्यन्त दुर्लभ हैं जो उनका सदुपयोग
करना जानते हों।

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