वो हमसे वस्ल कि बाते अभी तक करती ह ,,,,, भरी हो महफिल चाहे इशारे अब भी करती ह ,,, मै उसके ही अल्को मे मदहोश ,मगरुर था अभी ,,, और अब वो सदा मेरी बाहों मे रहने कि बात करती ह ,,,,, वो बाजूबन्द कि खुली डोरे ,वो कमर का सुनापन ,,, महोब्बत मेरी और सामना मेरा ,बाकी भुल जाने को कहती ह ,, मुझको अहसास ह कि बिना उसके मै बिमार सा हू ,,,, लगी दवा ना वेद कि ,मेरी बिमारी ही दवा का काम करती ह ,,, लिखा मैंने ख्वाब ,ख्याल ,खूबसुरती ,सलामती उसको ,,,, वो इसे महोब्बत में अपनी, एक ग़ज़ल सा नाम रखती है ,,, माना कि मै दुर हू जमाने कि दुरियो मे कुछ उससे ,,,, वो तेरे घर मे hansu तेरी हर खुशी लिखने का काम करती ह ... .,.,..,,,......., #Hansu kalwa ...