आज ज्येष्ठ शुक्ला तृतीया है तिथि अनुसार वीरवर महाराणा प्रताप का अवतरण दिवस है । जय हो एकलिंग दिवान की ।। चढ़ चेतक रण करयो अरिदल थर थर काम्पे। मेवाड़पत रो लख रौद्ररूप अकबर मन भय व्यापे।। हल्दीघाटी रो सुरमो एकलिंग दीवान। भलां जाप्यो तूँ जगत में प्रताप महाराण।। वेरी काळ विकराल रूप धर घुसयो अरिदल बिच। देख संकट में स्वामी ने झाले मुकट लीयो खिंच।। बोल्यो झालो आप बिन सुनो रहसि मेवाड़। मैं आयो काम देश हित इमे कस्यो बिगाड़।। घायल चेतक चढ़ राणा कीन्हो नाळों पार। देख चेतक री दशा टूट गयो नर नाहर।। साथी छुट्यो साथ हुयो मेवाड़ नाथ अनाथ। बिलख बिलखतां आंसूडा ढुळके राणा करयो विलाप।। देख राणा री करुण दसा शक्तिसिंह रो मन भीनो। भाई म्हारो संकट में धिक्कार है म्हारो जीणो।। भाज भाई रे गले लाग्यो भूल चूक करो माफ। गलती रो एहसास हुयो,हुयो रामभरत मिलाप।। भाई भाई री भुजा व्है अबखी वेळया पडये जाण। मेवाड़ चिमकतो सूरज है कूण मिटा सकें इणरी आण।। -टीकमचंद राठी माहेश्वरी,रांनीवाड़ा ©Teekam Chand हिंदुआ सूरज मेवाड़ रतन महाराणा प्रताप जयन्ति पर आप सबको शुभकामनाएं #MaharanPratapJayanti