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करोना 2 ,,,,,,,,,,,,,,,, बार बार हाथों को साबुन से

करोना 2
,,,,,,,,,,,,,,,,
बार बार हाथों को साबुन से हमको अब धोना है ।किसको पता नही है फैला जग में आज करोना है ।
बच्चे बूढे़ नौजवान इसके नजरों बच जायें ।
बचकर रहें सभी कोइ इसके चंगुल में फंस जायें।।
चीन और दुनियां में बस इसका हि रोना रोना है।।
किसको पता नही,,,,,,
इटली और इरान अमेरिका सबकी बुद्धी चतराइ ।कोशिस और खोज सबकी है इसके आगे शरमाइ ।।
चीन आततायी की गलती सबको मिलकर ढोना है ।।
किसको पता नही,,,,,,,,,,
ज्योतिष कहता सूर्य बुध राहू का ताना बाना बाना है ।
जिसको महादशा लग जाये उसका नही ठिकाना है ।।
कोइ कहता ये तो कोइ लगता जादू टोना है ।।
किसको पता नही,,,,,,,,,
मोदीजी ने समझाया है थाली शंख बजाओ तुम ।
मिलना जुलना बंद करो अब घर में किर्तन गाओ तुम ।।
दूर रहो तुम सावधान जीवन को यदि संजोना है।।
किसको पता नही,,,,,,
सुनो महामारी है ये इसको हल्के में मत लेना ।।
सरकारी आदेशों को अक्षरसः पालन कर लेना ।।
कुछ दिन दूरी कर लोगों से इस पर विजय प्राप्त करलो।
बाकी जीवन शाकाहारी में हि बस संचित कर लो ।।
संयम और सुरक्षित जीवन प्राणायाम परायण हो ।जीवन में सुख चाहो तो नित पाठ करो रामायण हो ।
स्वच्छ और सादा जीवन में हमें समर्पित होना है ।।
किसको पता नही,,,,,,,
आलोकजी शास्त्री इन्दौर 9425069983 कोरोना
करोना 2
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बार बार हाथों को साबुन से हमको अब धोना है ।किसको पता नही है फैला जग में आज करोना है ।
बच्चे बूढे़ नौजवान इसके नजरों बच जायें ।
बचकर रहें सभी कोइ इसके चंगुल में फंस जायें।।
चीन और दुनियां में बस इसका हि रोना रोना है।।
किसको पता नही,,,,,,
इटली और इरान अमेरिका सबकी बुद्धी चतराइ ।कोशिस और खोज सबकी है इसके आगे शरमाइ ।।
चीन आततायी की गलती सबको मिलकर ढोना है ।।
किसको पता नही,,,,,,,,,,
ज्योतिष कहता सूर्य बुध राहू का ताना बाना बाना है ।
जिसको महादशा लग जाये उसका नही ठिकाना है ।।
कोइ कहता ये तो कोइ लगता जादू टोना है ।।
किसको पता नही,,,,,,,,,
मोदीजी ने समझाया है थाली शंख बजाओ तुम ।
मिलना जुलना बंद करो अब घर में किर्तन गाओ तुम ।।
दूर रहो तुम सावधान जीवन को यदि संजोना है।।
किसको पता नही,,,,,,
सुनो महामारी है ये इसको हल्के में मत लेना ।।
सरकारी आदेशों को अक्षरसः पालन कर लेना ।।
कुछ दिन दूरी कर लोगों से इस पर विजय प्राप्त करलो।
बाकी जीवन शाकाहारी में हि बस संचित कर लो ।।
संयम और सुरक्षित जीवन प्राणायाम परायण हो ।जीवन में सुख चाहो तो नित पाठ करो रामायण हो ।
स्वच्छ और सादा जीवन में हमें समर्पित होना है ।।
किसको पता नही,,,,,,,
आलोकजी शास्त्री इन्दौर 9425069983 कोरोना

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