ये जवानी भी खुद बे खुद ही गवाए बैठे है.. ओर मन को भी समझाए बैठे है. ओर ये जिंदगी भी ना जाने कहां ले जायेगी उस रब से भी उम्मीद खामखा ही लगाए बैठे है.. ये पता होता की जिंदगी इतनी हराम है.. सब को यूं ही भुलाए बैठे है... ओर अब तो अंत है कहां तक जायेगी जिंदगी एक शख्स से दिल इस कदर लगाए बैठे है.. ©vinni.शायर #woshaam