Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुबह हो गई क्या अंधेरा ढल गया क्या चेहरे पे झूठी

सुबह हो गई क्या 
अंधेरा ढल गया क्या 
चेहरे पे झूठी मुस्कान ले आऊं 
आसपास भीड़ बड़ गई क्या 
उजाले में दर्द को छिपाना भी तो है 
खुशियों का मुखौटा चेहरे पे पहन लुं क्या 

यादवेन्द्र रामपाल #vacation #यादवेन्द्र#रामपाल
#यादवेन्द्र #रामपाल
सुबह हो गई क्या 
अंधेरा ढल गया क्या 
चेहरे पे झूठी मुस्कान ले आऊं 
आसपास भीड़ बड़ गई क्या 
उजाले में दर्द को छिपाना भी तो है 
खुशियों का मुखौटा चेहरे पे पहन लुं क्या 

यादवेन्द्र रामपाल #vacation #यादवेन्द्र#रामपाल
#यादवेन्द्र #रामपाल