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आज फिर किसी ने पूछा ... यु वेवजाह मुस्कराने की वजा

आज फिर किसी ने पूछा ... यु वेवजाह मुस्कराने की वजाह क्या हैं
मैंने भी कहा ..... ज़माने से इतना गम मिला है की , हर पल मुस्कराना चाहता हुॅ...
निकलते है जो आँसू , उन्हे मुस्करहटो से छुपाना चाहता हुॅ ....पर मेरी मुस्करहटो को मेरा दर्द ना समझ लेना ...
यह हर दिल में उतर जाने की वजेह है ......
तेरे चेहरी पर जो मुस्करहट आये वो वजेह है ..........
ईमान से ........ 

......Dr.Vishal Singh.....

वात्सल्य  Meri muskrahat
आज फिर किसी ने पूछा ... यु वेवजाह मुस्कराने की वजाह क्या हैं
मैंने भी कहा ..... ज़माने से इतना गम मिला है की , हर पल मुस्कराना चाहता हुॅ...
निकलते है जो आँसू , उन्हे मुस्करहटो से छुपाना चाहता हुॅ ....पर मेरी मुस्करहटो को मेरा दर्द ना समझ लेना ...
यह हर दिल में उतर जाने की वजेह है ......
तेरे चेहरी पर जो मुस्करहट आये वो वजेह है ..........
ईमान से ........ 

......Dr.Vishal Singh.....

वात्सल्य  Meri muskrahat

Meri muskrahat