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किसी रोज शाम की आगोश में बैठकर, तुम्हे जो सोचकर कव

किसी रोज शाम की आगोश में बैठकर,
तुम्हे जो सोचकर कविता लिखी थी पढ़कर,

तुम्हारे पैरों में पाज़ेब पहनाऊंगा,
और चांद को उसकी औकात दिखाऊंगा!!

©TH€ $HIVAM PAND€Y
  Hum Aur Tum ❤️
Ana pandey priya singh. Pyare ji 
#Theshivampandey #love