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कभी हम भी छाव हुआ करते थे उनके लिए साहब आज खड़ी दोप

कभी हम भी छाव हुआ करते थे उनके लिए साहब आज खड़ी दोपहर के धूप हुए
उनके लिए मेरा मतलब कुछ नहीं अब तो वह टहनी है हम जिसके सारे पत्ते सूख गए

©shakti ayodhyawasi broken

#tree
कभी हम भी छाव हुआ करते थे उनके लिए साहब आज खड़ी दोपहर के धूप हुए
उनके लिए मेरा मतलब कुछ नहीं अब तो वह टहनी है हम जिसके सारे पत्ते सूख गए

©shakti ayodhyawasi broken

#tree