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हम खास होंगे की नहीं, है तारे पर चाँद बनेंगे की न

हम खास होंगे की नहीं, 
है तारे पर चाँद बनेंगे की नहीं. 
नदी की तरह छोटी है व्याप्ति, 
सागर सा  विशाल बनेंगे की नहीं. 

तरुवर की तरह राहगीरों को छाया देंगे की नहीं, 
अभी है नन्हें पौधे, कभी कल्पवृक्ष बनेंगे की नहीं. 
माना हम रात के अँधेरे में घीरे है, 
पर किसी के लिए उजियाला बनेंगे की नहीं. 
हम खुद खो गए अनजान ड़गर पर, 
पर किसी के मार्गदर्शक बनेंगे की नहीं. 
हम विद्यार्थि है शिक्षक बनेंगे की नहीं. हम विद्यार्थि है शिक्षक बनेंगे की नहीं
हम खास होंगे की नहीं, 
है तारे पर चाँद बनेंगे की नहीं. 
नदी की तरह छोटी है व्याप्ति, 
सागर सा  विशाल बनेंगे की नहीं. 

तरुवर की तरह राहगीरों को छाया देंगे की नहीं, 
अभी है नन्हें पौधे, कभी कल्पवृक्ष बनेंगे की नहीं. 
माना हम रात के अँधेरे में घीरे है, 
पर किसी के लिए उजियाला बनेंगे की नहीं. 
हम खुद खो गए अनजान ड़गर पर, 
पर किसी के मार्गदर्शक बनेंगे की नहीं. 
हम विद्यार्थि है शिक्षक बनेंगे की नहीं. हम विद्यार्थि है शिक्षक बनेंगे की नहीं