कुछ कहूं तुमसे ,या आज फिर रहने दू ? खामोशी समझ लोगे , या लफ्जो को कहने दू ? कहो संभालू इश्क़ तुम्हारा , या आंखो के रास्ते आज फिर उसको बहने दू ? बोलो कुछ कहूं तुमसे , या आज फिर रहने दू? कुछ कहूं तुमसे ,या आज फिर रहने दू ?