अजनबी से तुम हो और अजनबी से हम भी हैं अजनबी सी ही है ये खामोशियांँ, निगाहें निगाहों से मिलने लगी जब कैसी गुफ्तगू होने लगी है दिलों के दरमियाँ। ♥️ Challenge-551 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।