सहमति रखली तेरी मुझे गैर बातने में आपना मुझे भी आज कल कोई खैर नहीं लगता तुझे पहचान ने से नाकार रही है आवाम इनकी बातों से ये तेरा शहर नही लगता और तुझे मारने की हिमाकत करता मोहित सुना है तेरे जिस्म को कोई जहर नही लगता ©Mohit Saini I hate you love