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1 कहा उसने, तारीख लिख लो दस्तावेजों में, किताबों म

1
कहा उसने,
तारीख लिख लो
दस्तावेजों में, किताबों में,
गुफा की दीवारों पर,
महल के मेहराबों में!
पर एक सवाल पूछूंगा,
पिंजरे से पंछी कब आजाद हुआ?
जब उसके पंख तीलियों से लड़े?
जब अचानक ही पिंजरे के द्वार खुल पड़े?
जब वो उससे बाहर आया?
जब उसने उड़ने को जोर लगाया?
जब वो उसी आँगन में लगी लता के
शीर्ष पर जा बैठा?
जब उसने वहाँ से अनंत आकाश देखा?
या अब जब वो उन स्मृतियों को
पीछे छोड़ने भागा जा रहा है?
तुम देखना नया बहेलिया 
उसके घोंसले की डाल के नीचे
जाल लगाकर सुस्ता रहा है!
मैं समझ गया कि
आज़ादी की कोई एक तारीख नहीं होती!
Cont... 15 Aug 2021
1
कहा उसने,
तारीख लिख लो
दस्तावेजों में, किताबों में,
गुफा की दीवारों पर,
महल के मेहराबों में!
पर एक सवाल पूछूंगा,
पिंजरे से पंछी कब आजाद हुआ?
जब उसके पंख तीलियों से लड़े?
जब अचानक ही पिंजरे के द्वार खुल पड़े?
जब वो उससे बाहर आया?
जब उसने उड़ने को जोर लगाया?
जब वो उसी आँगन में लगी लता के
शीर्ष पर जा बैठा?
जब उसने वहाँ से अनंत आकाश देखा?
या अब जब वो उन स्मृतियों को
पीछे छोड़ने भागा जा रहा है?
तुम देखना नया बहेलिया 
उसके घोंसले की डाल के नीचे
जाल लगाकर सुस्ता रहा है!
मैं समझ गया कि
आज़ादी की कोई एक तारीख नहीं होती!
Cont... 15 Aug 2021