दया स्वामी, नाथ हमारे भोले बाबा, शिव पधारें त्रिनेत्र प्रिय, नमः रुद्राय ॐ नमः शिवाय।। घनघोर अंधकार भरा इस युग का काल खड़ा हर युग के अधिपति रुद्र तेरा उपकार बड़ा शाश्वत ब्रह्म के रूपक प्रणव सकल सूचक मूल नियामक ओंकारा संहारक आप ही हो मूलक बोल बम नारा तुम्हारा हरते अशुभ अविकारा आदिदेव चेतन दाता सनातन का सहारा धूप दीप से पूजा तुम्हारी शिखर कैलाश संचारी लीनता से मिले विवेका शरण तुम्हारी पूरक हमारी। सर्वोत्तम वैचारिक ऊर्जा। चित्र सौजन्य, गोलची दया स्वामी, नाथ हमारे भोले बाबा, शिव पधारें त्रिनेत्र प्रिय, नमः रुद्राय ॐ नमः शिवाय।।