आज तक दुविधा... शायद त्रि या चौ-विधा में हूँ, सवाल पूछूँ किससे, कभी इस शहर में सभी गुलाम तो कभी सभी सुल्तान नजर आते हैं, सभी हक्के-बक्के हैं, आँसू में भींगे हैं कहीं कोई हुंकारता सिंह नहीं हर तरफ बस बेबस रोते-कराहते इंसान नजर आते हैं। राजा कौन