चेहरा है या चाँद खिला है, मेरे मन में अरमान जगा है, इस दिल पर तेरा नूर चढ़ा है, बोल दे तू भी क्यों इतना मगरूर खड़ा है, #Chand चकोर का #अमित सैनी