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दोस्त से प्यार जिसके सामने मैं बेपरवाह रो देती थी

दोस्त से प्यार जिसके सामने मैं बेपरवाह रो देती थी
उस दोस्त से प्यार हो रहा था
जो मेरी सारी नादानियों को झेलता
मेरे नख़रे भी उठा रहा था
वो मेरा  सबसे अच्छा दोस्त हैं
अब उससे प्यार भी हो रहा था
उसकी बातें जैसे मिश्री की डली
दिल मेरा और मीठा पाने को मचल रहा था
जो कर लूं किसी गैर से बात
गुस्से से रूठ जाता 
करता कभी नहीं मुझसे प्यार का इज़हार
फिर भी प्यार की हर रस्म निभा रहा था
वो मेरा सच्चा दोस्त हैं
अब दोस्त से सच्चा प्यार हो रहा था #Friendship#december#dostsepyar#day11
दोस्त से प्यार जिसके सामने मैं बेपरवाह रो देती थी
उस दोस्त से प्यार हो रहा था
जो मेरी सारी नादानियों को झेलता
मेरे नख़रे भी उठा रहा था
वो मेरा  सबसे अच्छा दोस्त हैं
अब उससे प्यार भी हो रहा था
उसकी बातें जैसे मिश्री की डली
दिल मेरा और मीठा पाने को मचल रहा था
जो कर लूं किसी गैर से बात
गुस्से से रूठ जाता 
करता कभी नहीं मुझसे प्यार का इज़हार
फिर भी प्यार की हर रस्म निभा रहा था
वो मेरा सच्चा दोस्त हैं
अब दोस्त से सच्चा प्यार हो रहा था #Friendship#december#dostsepyar#day11