नेता...... त्रैता यूग में रावण था, द्रौपर में दुशाशन । कलयुग में मैं भ्रष्ट बना, ' झूठ ' है मेरा आशन ।। ' झूठ ' है मेरा आशन जिसपर, बैठ करु मैं शासन । मुझे रोक जो सकता ऐसा, ना कोई प्रशासन ।। पाँच सालो तक राज करता, फिर देता हूँ आश्वासन । अगली बार जीता तो, बाटूंगा सबको राशन ।। बाटूंगा राशन ऐसा, देता बस मैं भाषण । कागज में दर्शाता, फिर लूट लेता राशन ।। ऐसी मेरी निती, यहीं है मेरा शासन । इसीलिए तो प्यार से लोग, कहते नेता दूराशन ।। कहते नेता दूराशन, सुनकर मेरा अभिभाषण । नेता हूँ मैं नेता, करता हूँ बस मैं शासन ।। धन्यवाद अंकुर #कॉपी#पेस्ट# नेता..….