तेरी चुप्पी बताती हैं तेरे अंदर हैं राज दफन कई , लब है ख़ामोश पर दिल मे तूफान नई, कुछ पुछों तो होठ ये छुपाती हैं फिर धीरे से मुस्कुराती हैं जैसे नज़रे ये चुराती है कहना तो चाहती हैं ये बहुत कुछ पर बिन कहें ये चुप हो जाती है पर तेरी आंखें बहुत कुछ बताती हैं की तू आज भी उसे बेइंतहां चाहती है कहने को अब प्रेम नही तुझको तो फिर उसकी याद तूझे, क्यूं इतना सताती है फिर भी मजबूती से अड़ी हो चुप्पी लिए कितना जख्म छुपाती हो मैं तो अपना हूं मुझे क्यूं नही बताती हों। #चुप्पी #चुप्पीबतातीहै #yqdidi #anonymouswriterjs #yqquotes #yqbaba