कभी कभी लगता है जैसे अपनी जिंदगी का किस्सा अब यही रोक दू ,जो रंजिशें दुसरो से चल रही है बस यही छोड़ दू ,जो निभा न सकी वो रिश्ते उन सबसे अब नाता तोड़ दू और ईश्वर से मिल कर अपने इन सारे दुखो का इक इलाज ढूढ लू ।। ©Neha Mishra #twowords #poem #Trees