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टुटते - टुटते से आस है बिखरी - बिखरी सी जिन्दगी घ

 टुटते - टुटते से आस है
बिखरी - बिखरी सी जिन्दगी
घुटन सी एहसास है

बिखर गये सपने
बिखर गयी वो तमन्नाएं
जी रहा हूं अकेला
अब नही वो मेरे पास है

©Pradeep Kumar Yadav
  #Shayari #ghajal #romance