Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat सुनसान रातें आवाज़ लगा रही है नई सुबह को पुकार रही है हसरतें बहुत लिखती हूं जुदाई से गहराई से रातों को बातें करती अक्सर तन्हाई से सितारों में खोजती हमदम रुसवाई से वो सूरत से सिरत में ब्रह्म सी ओझल होती वो रातों की गहरी रंगी रजाई में असीम गहरा असर दिखलाता क़लम की स्याही में 🎀 Challenge-220 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी कविता लिखिए। (ध्यान रहे कविता लिखनी है)