कभी ढूँढते थे वो बहाने बात करने के बनते थे कई अफसाने इज़हार करने के जब से मालूम हुआ नहीं रह सकते उन बिन रहने लगे मसरूफ शाम ओ सेहर रात दिन ©Anita Mishra #Afsaane #kisse #yaad