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ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास

ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः
पिण्डजप्रवरारुढा 
चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
 प्रसादं तनुते मह्यं 
चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ 
चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै 
नमस्तस्यै नमो नम:।।
🌹🌹🙏🙏 आभार: विकीपीडिया
ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
 प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।🌹🌹🙏🙏
ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः
पिण्डजप्रवरारुढा 
चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
 प्रसादं तनुते मह्यं 
चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ 
चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै 
नमस्तस्यै नमो नम:।।
🌹🌹🙏🙏 आभार: विकीपीडिया
ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
 प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।🌹🌹🙏🙏
shravangoud5450

Shravan Goud

New Creator

आभार: विकीपीडिया ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।। या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।🌹🌹🙏🙏