sainiarjun CHANAKYA सुहाना पल सुहाना कल तो इक दिन बीत जाता है वो मां की डांट भरी रोटी का दिन भी बीत जाता है बचपन की वो अब बातें कहीं गुम हो गयी कल में मगर घुटनों पे चल करके ये बचपन बीत जाता है #childhood अंकित कुमार ✍️ Disha