इंतजार करता हूं अब भी मैं तेरा तेरे आंगन में बैठकर जहां सपने देखे थे हमने आसमां छूने के तुम्हारे लिए कटोरी में चाय लाना और खुद भी तुम्हें देखकर कटोरी में चाय पीना तुम्हें याद है.... तुम्हारे बिना मैं सांस तक नहीं लेता था चंबल की लहरों से होती थी हम दोनों की बातें शुरू तुम्हारे बचपन तक को छूकर आते थे हम दोनो तुम्हारी चारपाई के आगे पीछे मेरी चारपाई बिछाकर रात-रात भर बातें करना अब तो बस यादें ही शेष है जीजी तू ही हर पल दिल के पास है.... प्रियतम अहसास 💞 जी दिल के गहराइयों से वंदन आपका जो हमें याद किया गुरुदेव आपने 😍👏 और Neha ☺️ जी आपका भी शुक्रिया मेरा स्मरण करने हेतु 👏☺️ आज कल मैं किताबों में खोया रहता हूं दिन भर क्योंकि अब UPSC के परीक्षा में केवल 80 दिन ही शेष रह गये है तो सारा दिन कब निकल जाता है कुछ मालूम ही नही पड़ता हां शाम को मैं घाट भ्रमण पे निकल तो जाता हूं लेकिन वहां भी चर्चा बस परीक्षा की ही होती है हमारे बड़े भइया Abhishek Gupta के साथ ही दिन भर की बातें को लेकर उनपे चर्चा करना और बनारसी मस्ती में रंग घाटों के सीढ़ियों तले बस कुछ पल खुद को आराम देना अब तो यही दिनचर्या हो गयी है हमारी .... हां इश्क़ में हूं अभी भी लेकिन अब रास्ता थोड़ा अलग है .... मंजिल है गहरा समुंदर ,और सुस्त मन उसे पाने पे अड़ा है...☺️👏 चलिये थोड़ी अपने प्यार पे भी चर्चा करते है 😍 इंतजार करता हूं अब भी, मैं