rangrezaa........ मेरे अर्ज़ी हे इसमें बस मेरी मर्ज़ी है.... मुझपर हो अब कर्म तेरा... मिटजाये सारे मोह दर से जो मिले ब्रम तेरा..... मन के मेरे ये सारे हर्म मिटादे.... मुझे खुद से मिलादे... मुझमे भरे सारे गम को रिहा कर...... मोला तेरे दर पे में खाली झोली आया हु .... भरदे इसमें तेरे करम .... नम हे निगाहे ... खवाइश भी हे मेरी जरासी तेरे सजदे के आगे हे ये आधी..... ©G0V!ND_DHAkAD #Rangrezaa.... #mola se meri #arzi....