मेरी प्यारी कविता, मेरे आंगन की गुड़िया तुझे बाबुल के घर जाना है अपने प्यार से सिचा तुझे अब अपना घर सजाना है छोटी सी कली को फूल बनाया अब तुझे अपना बाग लगाना है मेरे आंगन की गुड़िया तुझे बाबुल के घर जाना है मां पापा को भूल न जाना अपने पति का साथ निभाना यहीं दुआ है मेरी गुड़िया अपना घर तुम खूब सजाना मेरे आंगन की गुड़िया तुझे बाबुल के घर जाना है,,,pk में और मेरी कलम,,,pk