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📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“17/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवा

📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“17/4/2022”*🖋️
✍🏻 *“रविवार”*📙

एक बार “कुछ मेंडक” एक 
“खड़ी दीवार” पर चढ़ने लगे, 
धीरे-धीरे करके एक एक “मेंडक” नीचे गिरने लगा,
अंत में एक ही “मेंडक” था 
जो “शिखर” तक पहुँच गया,
जानते है वो क्यों जीता?
क्योंकि वो “मेंडक” बहरा था, उसने किसी की “बातें” सुनी ही नहीं,उसने “ठान” लिया उसे “शिखर” पर पहुंचना है और पहुँच गया,।
अब इसमे भी हमारे लिए अत्यन्त “महत्वपूर्ण सीख” है आपने “जीवन” में अपना “लक्ष्य” ठान लिया है तो “इधर उधर” किसी की “मत” सुनिए,
केवल अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए,क्योंकि “सफलता” आपको आपके “प्रयास” ही दिलाएंगे, “दुसरो की बातें” नहीं,
इसलिए सदैव “जीवन” में “प्रयास” करते जाइए और अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए,
*“अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“17/4/2022”*🖋️
✍🏻 *“रविवार”*📙

#“जीवन” 

#“लक्ष्य”
📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“17/4/2022”*🖋️
✍🏻 *“रविवार”*📙

एक बार “कुछ मेंडक” एक 
“खड़ी दीवार” पर चढ़ने लगे, 
धीरे-धीरे करके एक एक “मेंडक” नीचे गिरने लगा,
अंत में एक ही “मेंडक” था 
जो “शिखर” तक पहुँच गया,
जानते है वो क्यों जीता?
क्योंकि वो “मेंडक” बहरा था, उसने किसी की “बातें” सुनी ही नहीं,उसने “ठान” लिया उसे “शिखर” पर पहुंचना है और पहुँच गया,।
अब इसमे भी हमारे लिए अत्यन्त “महत्वपूर्ण सीख” है आपने “जीवन” में अपना “लक्ष्य” ठान लिया है तो “इधर उधर” किसी की “मत” सुनिए,
केवल अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए,क्योंकि “सफलता” आपको आपके “प्रयास” ही दिलाएंगे, “दुसरो की बातें” नहीं,
इसलिए सदैव “जीवन” में “प्रयास” करते जाइए और अपने “लक्ष्य” की ओर बढ़ते जाइए,
*“अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“17/4/2022”*🖋️
✍🏻 *“रविवार”*📙

#“जीवन” 

#“लक्ष्य”
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Atul Sharma

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