राखी🍬) राखी का पर्व,हम बच्चे मे खुब मनाते है बड़े होकर,फिर क्यों भुल जाते है, हो जाता क्या,इसका मोल कम? बहन-भाई,एक दूजे को,फोन भी नही घुमाते है, देखा है मैने,अपने दादा जी की सुनी कलाई, और दादी की सुनी हाथ, क्यूं हर बार,राखी के दिन,इनके मन भर आते है, पर मैं उन्हें,उदास नही होने दूंगी, दादी से राखी बंधा, दादा जी के हाथ पे राखी बांध दूंगी, मुस्कूरा देगें,थोड़ा सा जब वो ऋतिका सिंह...... #दादा दादी