चांद को गुरूर है की चांदनी में नूर है इश्क ने दिया ख्वाब वह बड़ा क्रूर है ए बारिश बरस मिटा दे वरूण के घाव क्या करे हमारा चांद हमसे दूर है ©Varun Vashisth #dhoop